अमर शहीदों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को ABVP ने किए श्रद्धासुमन अर्पित

राजेन्द्र ठाकुर/चंबा
शहीदी दिवस पर जहां देशभर में हर किसी ने अपने-अपने अंदाज में शहीदों को याद किया, वहीं हिमाचल प्रदेश के चंबा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी अमर शहीदों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। चंबा जिला मुख्यालय के अलावा जिले के भरमौर में भी परिषद की तरफ शहीदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस श्रद्धांजलि के दौरान अमित राजपूत, मनीषा, आशीष, जतिन, उमेश, सुरेश, भवानी, हिमांशु, कमल, देवेंद्र, राशि, बिंदु, लेखराज भवानी, रोहित, पंकज, अनुज और अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की चम्बा इकाई के अध्यक्ष प्रभात कपूर ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की याद में 23 मार्च को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1931 में इसी दिन इन तीनों वीर सपूतों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी। हालांकि लाहौर षड्यंत्र के आरोप में इन तीनों क्रातिकारियों को फांसी को फांसी दिए जाने के लिए 24 मार्च का दिन तय किया गया था, लेकिन उससे 12 घंटे पहले ही उन्हें फांसी पर लटका दिया गया। इस खबर से देश में लोग भड़के हुए थे और वो उन्हें देखना चाहते थे। विरोध प्रदर्शन चल रहे थे। इससे अंग्रेज सरकार डर गई थी। उन्हें लगा कि माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए उन्होंने फांसी का दिन और समय बदल दिया। भारत की आजादी के लिए इन वीर सपूतों के बलिदान की याद में हर वर्ष 23 मार्च को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भरमौर इकाई अध्यक्ष विवेक चारक ने कहा कि भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई। इस दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इन तीनों की शहादत से युवा पीढ़ी को देशेसवा की सीख लेनी चाहिए।