समझ में नहीं आ रहा, ‘देश के लिए खतरा बने अमृतपाल को जमीन खा गई या आसमां निगल गया’, HC ने लगाई पंजाब सरकार की Class; पूछा-क्या कर रहे हैं 80 हजार पुलिस वाले

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18 मार्च को दिनभर उड़ी जालंधर के शाहकोट-मलसियां इलाके में एक प्रोग्राम में पहुंचे अमृतपाल को डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पकड़े जाने की अफवाह, रात में पुलिस ने नकार दिया
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संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के कानूनी सलाहकार इमरान सिंह ने अवैध हिरासत में रखने और कारण नहीं बताने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में की थी याचिका दायर
चंडीगढ़. एक खालिस्तानी समर्थक संगठन का हैड देश के लिए खतरा बना हुआ है और अभी तक उसका यही पता नहीं कि उसे जमीन खा गई या आसमां निगल गया। बात हो रही है ‘वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की। फिलहाल पंजाब पुलिस अमृतपाल (Amritpal) को अवैध हिरासत में रखने के आरोप में घिरी हुई है, वहीं मंगलवार को इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab And Haryana High Court) ने पंजाब की भगवंत मान सरकार की क्लास लगाई है। अदालत ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा है कि अभी तक अमृतपाल को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका है। प्रदेश के 80 हजार पुलिस वाले आखिर कर क्या रहे हैं? पंजाब सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अब अगली सुनवाई चार दिन बाद होगी। हालांकि इससे पहले पंजाब सरकार ने कोर्ट को अमृतपाल के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा देने की जानकारी दी है।
यह है पूरा प्रकरण
दरअसल, खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक एक और कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके 29 साथियों पर आरोप है कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर 15 फरवरी की रात को रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह नामक एक युवक को किडनैप किया और अमृतसर जिले में जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बुरी तरह पीटा था। इस मामले में पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार किया तो अमृतपाल ने 23 फरवरी को हजारों समर्थकों के साथ अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। बड़ा आरोप यह भी है कि यह हमला पंजाब के वारिस होने का ढोंग करने वाले इस गुट ने धर्म ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब) की आड़ में किया, ताकि पुलिस कोई सख्त एक्शन न ले सके। इस घिनौनी वारदात के बाद पंजाब पुलिस ने घुटने टेक दिए और अमृतपाल के दाहिने हाथ तूफान को छोड़ दिया।
थाने पर हमले के मामले में अमृतपाल और उसके साथियों पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी, वहीं इसी बीच शनिवार 18 मार्च को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में प्रोग्राम रखे थे। कड़ी नाकाबंदी और समर्थकों के जुटने के बीच दोपहर लगभग 1 बजे अमृतपाल का काफिला जैसे ही मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। कई को तो हथियारों के साथ मौके से ही धर-दबोचा, वहीं अब तक अमृतपाल के सवा सौ के लगभग समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अभी तक अमृतपाल का कोई अता-पता नहीं है। यह अलग बात है कि 18 मार्च के घटनाक्रम में लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिए जाने की सूचनाएं दिनभर चलती रही, लेकिन देर रात पुलिस की तरफ से प्रैस नोट जारी करके बताया गया कि संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अमृतपाल और उसके समर्थकों पर कार्रवाई को लेकर पिछले चार दिन से पूरे पंजाब में तनाव का माहौल है। इसी बीच बठिंडा के रहने वाले ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के कानूनी सलाहकार इमरान सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। उसने कहा था कि अमृतपाल सिंह को अवैध हिरासत में लिया गया है और इसका कारण तक स्पष्ट नहीं किया गया है। अमृतपाल के परिजनों तक को इस संदर्भ में जानकारी नहीं दी जा रही है, जो उसकी जान को बड़ा खतरा है। याचिकाकर्ता ने सुरक्षित अवैध हिरासत से छुड़ाने का निर्देश जारी करने की पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से अपील की थी। साथ ही वारंट ऑफिसर नियुक्त करने का पंजाब सरकार को निर्देश जारी करने की अपील भी की गई थी।
सरकार ने हाईकोर्ट को बताई NSA लगाए जाने की बात, लेकिन देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार के पास इतना भारी पुलिस बल था। इसके बावजूद अमृतपाल को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही है। यह पंजाब पुलिस की खुफिया नाकामी को दिखाता है। पुलिस के 80 हजार जवान क्या कर रहे थे। पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल रहा है। हालांकि हाईकोर्ट की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने बताया कि अमृतपाल के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया है। इसी के साथ कोर्ट ने पंजाब सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अब इस मामले में चार दिन बाद सुनवाई होगी।