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Reaction on Himachal Budget: चंबा जिला परिषद सदस्य मनोज ने कहा-हमारा मानदेय BDC अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से कम होना बेहूदा मजाक

  • हिमाचल प्रदेश सरकार का बजट मात्र लोलीपॉप बताया जिला परिषद सदस्य ने, उठाए कई अहम मुद्दे

  • बोले-मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी 350 रुपए देंने की बात कहकर 240 की ही घोषणा कर सरकार ने ठीक नहीं किया

राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा

हिमाचल प्रदेश सरकार के वर्ष 2023-24 के बजट से हिमाचल कि जनता को काफी उम्मीदें थी, परन्तु जिस तरह से आज का बजट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दवारा पेश किया गया है, उससे हिमाचल कि जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही हैl ये बात करियां वार्ड के जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने कहीl

उन्होंने बताया कि जिस तरह से नवनियुक्त सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा खोले संस्थान बंद किए गए थे, इससे सभी को उम्मीदें थी कि इस बजट में हिमाचल को कुछ बड़ा तोहफा मिलेगा, परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं मिलाl मजदूरों को मनरेगा में भी 350 रुपए न्यूनतम मजदूरी देने की बात की गयी थी, परन्तु इसके लिए 240 रुपए की घोषणा करके मनरेगा श्रमिकों को ठगने का काम वर्तमान सरकार ने किया हैl जिला परिषद कर्मचारियों की विभाग में विलय की मांग का आश्वासन मिला था, परन्तु जिला परिषद कर्मचारियों का नाम तक इस बजट में नहीं लिया गयाl हालांकि जो विधवा और दिव्यांगों के लिए पैंशन में आय और आयु सीमा ख़त्म किया गया है, वो काफी सराहनीय निर्णय है।

मनोज ने कहा कि जिला परिषद सदस्यों का मानदेय बीडीसी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से कम देकर इस शीट का अपमान किया है l जिला परिषद के सदस्य 16 से 28 पंचायतों से जीत कर आतें हैं परन्तु न केवल उनका बजट खत्म किया बल्कि मानदेय भी बीडीसी अध्यक्षों और उपाध्यक्षों से भी कम कर दिया, जो जिला परिषद सदस्यों के साथ भद्दा मजाक हैl दूसरी विधायक निधि 2 करोड़ से बढाकर 2 करोड़ 10 लाख और ऐच्छिक निधि को 12 लाख से बढाकर 13 लाख कर दियाl सच यह है कि ये सरकार चाहती ही नहीं-जिला परिषद बीडीसी क्षेत्र के लिए कुछ कार्य करेंl

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