संत कबीर और रविदास का अपमान करने के बाद दर्ज FIR रद्द कराने के लिए सिरसा वाले बाबा ने किया HC का रुख, अदालत ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब

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जालंधर देहात के थाना पतारा में रविदास टाइगर फोर्स पंजाब के प्रधान जस्सी तल्हण की शिकायत पर हुई थी राम रहीम के खिलाफ FIR दर्ज
चंडीगढ़. संत शिरोमणि कबीरदास और रविदास को अय्याश कहने के बाद जेल में बंद रेपिस्ट और कातिल गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ जन आक्रोश का क्रम जारी है। देशभर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और आपराधिक मामले दर्ज हो रहे हैं और इसी बीच डेरा सच्चा सौदा के कातिल बाबा राम रहीम सिंह ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। उसकी उम्मीद है कि उसके खिलाफ दर्ज पुलिस केस (FIR) रद्द हो जाए। हालांकि इस मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है।
दरअसल, हाल ही में पैरोल पर आया हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 5 फरवरी को सिरसा में एक सत्संग प्रवचन में अपने अनुयायियों से रू-ब-रू हुआ। उस दौरान डेरा प्रमुख सतगुरु कबीरदास और गुरु रविदास के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उसने न सिर्फ इन दोनों संतों को शराबी और ड्रामेबाज कहा था, बल्कि एक-दूसरे के समकालीन दोनों संतों को बाप-बेटा बता डाला। उस सत्संग प्रवचन में गुरमीत राम रहीम सिंह ने जो कहानी सुनाई, वह इतिहास के किसी भी पन्ने में दर्ज नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के मुताबिक राम रहीम सिंह ने कहा, ‘रविदास और कबीर शराब के नशे में बोतल हाथ में लिए एक वेश्या के साथ महाराजा वीर सिंह के दरबार में पहुंचते हैं तो शराब के नशे में देख वीर सिंह उन्हें उठकर प्रणाम नहीं करता, जबकि वह उनके गुरुदेव थे’। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हरियाणा, पंजाब समेत देशभर के विभिन्न हिस्सों में गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ जन आक्रोश भड़क गया। ऐसा होना लाजमी था।
जालंधर देहात के थाना पतारा में रविदास टाइगर फोर्स पंजाब के प्रधान जस्सी तल्हण ने राम रहीम सिंह के खिलाफ शिकायत दी। 7 मार्च को इस संबंध में 295 ए के तहत धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में केस दर्ज हुआ और पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। इतना ही नहीं, देशभर में डेरा सच्चा सौदा के दुष्कर्मी और कातिल राम रहीम सिंह के खिलाफ धरने-प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी बीच डेरा प्रमुख ने अपने खिलाफ दर्ज धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला रद्द कराने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगा दी।
इस याचिका के अनुसार राम रहीम ने 28 फरवरी 2016 को सत्संग में संत कबीर और संत रविदास संबंधी एक साखी सुनाई। इस साखी के कई ऐतिहासिक पुस्तकों, ‘कबीर लीजेंड’, ‘बीजक ऑफ कबीर’, ‘परमार्थी साखियां’ व ‘लार्ड कबीर’ आदि पुस्तकों में दर्ज होने का हवाला दिया गया है। साखी के एक संक्षिप्त हिस्से को जान-बूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप का आधार बनाया गया है, जबकि उस हिस्से में भी संत रविदास के अपमान जैसा कोई जिक्र नहीं है।
उधर, इस मामले पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। सरकार से जवाब मांगने के साथ कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 मई तय की है। उधर, इस बारे में जालंधर देहात के पुलिस अधीक्षक सरबजीत सिंह बाहिया का कहना है कि शिकायतकर्ता पक्ष ने राम रहीम द्वारा की गई गलत टिप्पणियों के साक्ष्य भी सौंपे थे। साइबर सैल द्वारा सभी तथ्यों की जांच करने और यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो की पड़ताल करने बारे भी कहा गया है। जांच का क्रम जारी है।