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Surprising: 600 रुपए लीटर बिकता है गधे का मूत, गधी के दूध से बनते हैं Beauty Products

पानीपत/बैंगलुरू. एक वक्त था, जब गधा हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होता था। बोझ ढोने के काम जो आता था। धीरे-धीरे मशीनों का उपयोग बढ़ने लगा तो गधों की जरूरत कम होने लग गई। अब एक बार फिर से यह पशु बड़ा फायदेमंद साबित होता नजर आ रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि गधे का सिर्फ पेशाब ही 600 रुपए लीटर के लगभग बिकता है। इतना ही नहीं, गधी के दूध से सौंदर्य प्रसाधन (Beauty Products) बनते हैं। चौंकिए मत, यह एकदम सच है और शायद यही वजह है कि अब लोग Donkey Farm खोलने लग गए हैं।

आज हम बात करेंगे कर्नाटक राज्य के इकलौते Donkey Farm के मालिक श्रीनिवास गौड़ा से। इसके अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों से आपको रू-ब-रू कराएंगे। आइए पहले हाल ही में चर्चा में आए कनार्टक के श्रीनिवास के अनुभवों से रू-ब-रू हों…

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बेंगलुरू के पास रामनगरा के रहने वाले श्रीनिवास गौड़ा के पास इस वक्त 20 गधे हैं। दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बारे में कुछ तस्वीरें जारी की हैं और श्रीनिवास गौड़ा से बात भी की है। श्रीनिवास बताते हैं कि उन्होंने अपने इस अनूठे व्यवसाय के लिए लगभग 42 लाख रुपए का निवेश किया है। शुरुआत में उन्होंने कई तरह के काम-काज में किस्मत आज़माई। वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे। अचानक मन में गधे पालने का ख्याल आया और जब यह काम शुरू किया तो लोगों ने बहुत मजाक उड़ाया, लेकिन इसे दरकिनार करते हुए अपने काम पर फोकस किया। गधों के लिए एक सेंटर बना दिया।

Surprising: 600 रुपए लीटर बिकता है गधे का मूत, गधी के दूध से बनते हैं Beauty Products

श्रीनिवास की मानें तो इस वक्त वह सुपरमार्केट, मॉल और दुकानों में गधी का दूध सप्लाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि जल्द ही वह ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी को भी दूध सप्लाई करेंगे। उन्हें 17 लाख रुपए का ऑर्डर भी मिल चुका है। बकौल श्रीनिवास, हैरत की बात यह है कि गधे का यूरिन भी 500 से 600 रुपये लीटर बिकता है और गधे का गोबर खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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पहले भी हो चुके ऐसे प्रयास

मुंबई से वैरी रेयर ऑनलाइन डॉट कॉम नामक वैबसाइट चला रहे सलीम अब्दुल लतीफ़ दादन ऊंटनी, भेड़, गाय और गधी के दूध के साथ-साथ उससे बना घी और मिल्क पाउडर भी ऑनलाइन बेचते हैं। सलीम के मुताबिक किसी फार्म वगैरह से नहीं आने के कारण गधी के दूध का दाम तय नहीं है और वह गांवों से अपने संपर्क से इस दूध को मंगवाते हैं। इसे अधिकतर दवाई और कॉस्मैटिक्स के इस्तेमाल के लिए ही लोग लेते हैं।

Surprising: 600 रुपए लीटर बिकता है गधे का मूत, गधी के दूध से बनते हैं Beauty Productsटाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस से एमए करने के बाद दिल्ली की पूजा कौल बताती हैं कि बरसों पहले उन्होंने गधों के जरिये मज़दूरी करने वाले लोगों के लिए कुछ बेहतर करने की सोची। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मज़दूरों और किसानों को इकट्ठा करने के बाद गधी का दूध आम लोगों को बेचने के लिए एक मॉडल तैयार किया, लेकिन नाकाम रहा। फिर कुछ साथियों के साथ 2018 में दिल्ली में ‘ऑर्गेनिको’ नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया, जो 2 से 3 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से गधी का दूध खरीदकर इससे स्किन केयर उत्पाद बनाकर बेचता है। इसके लिए ग़ाज़ियाबाद और आसपास के उन मज़दूरों को संगठित किया, जो गधे के जरिये दिन में 300 रुपए कमाते थे। शुरुआत में उनके घर की औरतों ने आपत्ति जताई। असल में उन्हें इस दूध का इस्तेमाल किसी जादू-टोने के लिए हो रहा होगा। कहीं ऐसा न हो कि उनकी गधी मर जाए। अब ऐसा नहीं है।

ये है वैज्ञानिक पहलू

हरियाणा के हिसार में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बैनर तले चल रहे राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (NRCE) ने दो साल पहले दावा किया था कि जल्द ही गधी के दूध की डेयरी स्थापित करने जा रहा है। इस डेयरी में हलारी नस्ल के गधों को रखा जाएगा और उनका दूध निकाला जाएगा। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के शोध के मुताबिक बहुत से जानवरों के दूध को कमतर आंका जाता है, इनमें गधी और घोड़ी का दूध भी शामिल है, लेकिन यह बहुत फायदे की चीज है। कोशिकाओं को ठीक करने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के गुण के चलते इसका उपयोग कॉस्मैटिक्स और फ़ार्मास्युटिकल उद्योग में सबसे ज्यादा होता है।

कुछ दंतकथाओं के अनुसार प्राचीन मिस्र की महिला शासक क्लियोपैट्रा अपनी खूबसूरती बरक़रार रखने के लिए गधी के दूध में नहाया करती थी। वहीं NRCG के पूर्व निदेशक डॉक्टर एमएस बसु कहते हैं कि गधी के दूध के दो प्रमुख लाभ पाए जाते हैं, पहला यह महिला के दूध जैसा होता है और दूसरा इसमें एंटी-एजिंग, एंटि-ऑक्सिडेंट और रीजेनेरेटिंग कंपाउंड्स होते हैं, जो त्वचा को पोषण देने के अलावा उसे मुलायम बनाने में काम आते हैं।

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