हरियाणा सरकार की E-Tendering नीति नहीं लगा पा रही Corruption पर लगाम; देखें पारदर्शिता के दावों की पोल खोलता ये VIDEO

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भिवानी जिले के गांव देवसर में पेयजल पाइपलाइन पर बन रहे Valve Points में बेहद घटिया दर्ज की ईंटों का इस्तेमाल
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सरपंच संजय ने रोका काम, लोकल प्रशासन और पंचायत मंत्री को चैलेंज कर किया Video वायरल तो जेई ने ईंटें उठवाकर की खानापूर्ति
भिवानी. हरियाणा सरकार के मंत्री-विधायक कहने को विकास कार्यों में पूरी पारदर्शिता के दावे करते फिर रहे हैं, लेकिन हाल ही में सामने आए एक वीडियो को देखकर हकीकत कुछ और ही लगती है। मामला भिवानी जिले के गांव देवसर का है, जहां प्रदेश के पब्लिक हैल्थ डिपार्टमैंट की तरफ से करवाए जा रहे काम में धांधली की बू आ रही है। गांव के सरपंच ने यहां चल रहे काम को रोक दिया और स्थानीय प्रशासन से लेकर सीधे प्रदेश के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को नाम से चैलेंज करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो वायरल होने के करीब साढ़े 3 घंटे बाद संबंधित विभाग ने मौके से ईंटों को उठवाकर खानापूर्ति कर डाली। यहां से ईंटें उठवाते वक्त जेई मौजूद थे और गजब की बात तो यह है कि एक्सईएन के ध्यान में यह मामला खबर लिखे जाने तक भी नहीं था। हालांकि सरकारी काम में बाधा डाल दिए जाने के बावजूद न तो सरकार के किसी नुमाइंदे की कोई प्रतिक्रिया नहीं है। देखें VIDEO
दरअसल, शनिवार शाम को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। शब्द चक्र न्यूज ने पाया कि यह वीडियो भिवानी जिले के गांव देवसर का है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग कंस्ट्रक्शन के काम में लगे हैं और एक व्यक्ति वहां इस्तेमाल की जा रही ईंटों को उठाकर एक-दूसरे से भिड़ाकर न सिर्फ इन ईंटों को, बल्कि सरकारी दावों को भी चूर-चूर करता नजर आ रहा है। यह कोई और नहीं, खुद गांव के सरपंच संजय हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं कि पिछले कुछ दिनों से हरियाणा सरकार और प्रदेश के साढ़े के करीब गांवों में हाल ही में चुनी गई पंचायतों के बीच तनाव की स्थिति है। वजह है सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के मकसद से लाई गई ई-टैंडरिंग पॉलिसी। भले ही सरकार भष्टाचार रोकने और पारदर्शिता लाने के दावे कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस नीति के तहत चलने वाली प्रक्रियाओं में भी भ्रष्टाचार है। हो भी क्यों न, भ्रष्टाचार चाहे समाज के किसी भी वर्ग में फैला हो, होता तो कहीं न कहीं प्रशासनिक शमूलियत के बिना संभव ही नहीं है। ताजा वीडियो में सरपंच संजय भी कुछ इसी तरह का रहस्योद्घाटन करते हुए सरकार की भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लाई जा रही कथित ई-टैंडरिंग नीति पर सवाल उठा रहे हैं।
शब्द चक्र न्यूज के साथ बात करते हुए सरपंच संजय देवसरिया ने आरोप लगाया कि गांव में चले पब्लिक हैल्थ डिपार्टमैंट के काम में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। यहां पेयजल पाइपलाइन के लिए बनाए जा रहे हौद (Valve Points) बेहद घटिया (तीसरे दर्ज की) ईंटों और रेत-सीमैंट से तैयार किए जा रहे हैं। शनिवार दोपहर करीब 3 बजे जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला, उन्होंने तुरंत प्रभाव से काम रुकवा दिया। संबंधित विभाग के अलावा उन्होंने डिप्टी कमिश्नर तक को यह वीडियो और अपनी आपत्ति भेज दी है, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का कोई रैस्पॉन्स नहीं आया।
सोचने वाली बात है कि सरपंचों को भ्रष्टाचारी बताते हुए प्रदेश की सरकार ई-टैंडरिंग प्रणाली ले आई है, जबकि खुद इस नीति में भ्रष्टाचार धड़ल्ले से हो रहा है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर लगभग 20 लाख रुपए के हौद बनाने के प्रोजैक्ट में घटिया मैटीरियल किसके कहने पर लग रहा है। इस बात का प्रशासन को जवाब देना होगा। गांव बचाओ अभियान के तहत पूरे प्रदेश के इसको लेकर पूरे प्रदेश के पंच-सरपंच एकजुट होकर झूठे दावे करने वाले सरकार के मंत्रियों को आईना दिखाने के लिए एकदम तैयार हैं। उन्होंने बताया कि गांव की गलियों में 150 से ज्यादा हौद बनने हैं, जिन पर कम से कम 20 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है, मगर इन 20 लाख में किस भ्रष्टाचारी अधिकारी ने कितना माल अंदर किया है, इस बात का अभी कोई अनुमान नहीं है। इसकी निष्पक्ष तौर पर जांच होनी चाहिए।
JE का सस्पैंड करने की मांग
उधर जब इस संबंध में एक्सईएन सुनील रंगा मामला ध्यान में नहीं है। अभी मीडिया के साथियों से ही पता चला है। इसकी जांच करवाई जाएगी और अगर कहीें गड़बड़ी है तो कार्रवाई भी जरूर होगी। दूसरी ओर देर शाम गांव के सरपंच संजय ने बताया कि संबंधित विभाग के जेई की देखरेख में यहां इस्तेमाल की जा रही घटिया इंटों को उठवा लिया गया। अब आगे क्या कार्रवाई होगी, यह तो वक्त ही जाने, लेकिन उनकी मांग है कि संबंधित जेई को तुरंत प्रभाव से सस्पैंड किया जाए।
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