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फंदे पर झूला NEET की तैयारी कर रहा किशोर, 24 घंटे से कमरा नहीं खुलने की सूचना पर पहुंची पुलिस; कागज में लिखी मिली ऐसी बात

  • 2 साल से कोटा में रहकर नैशनल इलिजिब्लिटी कम एंट्रैंस टैस्ट की तैयारी के लिए कोचिंग ले रहा था उत्तर प्रदेश के बदायूं का अभिषेक

  • पिता आराम सिंह ने मौजूदा एजुकेशन सिस्टम को बताया बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार, बोले-पहले पता चल जाता तो नहीं होने देता ऐसा

कोटा. राजस्थान के कोटा में कोचिंग ले रहे उत्तर प्रदेश के एक युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि NEET की तैयारी कर रहे इस युवक ने पहले एंटी सुसाइड फैन से लटककर फांसी लगाने की कोशिश की। पंखा नीचे आ गया। इसके बाद उसने कमरे में लगे कड़े से फंदा डाल लिया। उसकी मौत का 24 घंटे बाद पता चला तो हॉस्टल में सनसनी फैल गई। सूचना के बाद पुलिस ने युवक की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने और उसके परिजनों को सूचित करने के साथ ही घटना को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

घटना एजुकेशन हब कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र की है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला अभिषेक करीब 2 साल से कोटा में रहकर एलन कोचिंग से नैशनल इलिजिब्लिटी कम एंट्रैंस टैस्ट (NEET) की तैयारी कर रहा था। 8 महीने पहले ही कमला उद्यान नगर क्षेत्र के हॉस्टल में शिफ्ट हुआ 17 साल का अभिषेक कुछ समय से कोचिंग सैंटर नहीं जा रहा था। कमरे पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था। 25 कमरों वाले हॉस्टल में दूसरे फ्लोर पर रह रहा अभिषेक बुधवार से कमरे के बाहर नहीं निकला। गुरुवार रात को पता चला कि उसने सुसाइड कर ली।

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घटनास्थल पर मृतक युवक के परिचितों से बात करती पुलिस।

कुन्हाड़ी थाना SI लक्ष्मण लाल के मुताबिक गुरुवार रात 9 बजे सूचना मिली थी कि दातार रैजिडैंसी में 24 घंटे एक युवक का कमरा नहीं खुल रहा। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे का गेट तुड़वाया तो अंदर स्टूडैंट फांसी पर लटका हुआ था। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडैंट्स ने बताया कि पिछले दो-तीन दिन से अभिषेक के बर्ताव में बदलाव था। बताया यह भी जा रहा है कि उसने पहले एंटी सुसाइड फैन से लटककर फांसी लगाने की कोशिश की। पंखा नीचे गिर गया तो फिर उसने कमरे में लगे कड़े से फांसी लगा ली।

उधर, मौके से मिले एक नोट में लिखा है, ‘मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मेरे पर किसी का कोई दबाव भी नहीं है। मैं आपसे माफी मांग रहा हूं। मैं अपनी मर्जी से कोटा में आया। मुझ पर मेरे घर का कोई भी दबाव नहीं था। सॉरी दीदी, मम्मी सॉरी भाई, सॉरी दोस्तों। मेरी आपसे विनती है मैं हार गया हूं। इसलिए प्राण देना चाहता हूं’।

इस घटना के बाद अभिषेक के पिता आराम सिंह ने कहा कि मां-बाप बच्चों को कैसे पालते हैं। कैसे पढ़ाते हैं, लेकिन सरकार, कोचिंग संस्थान या हमारा भेदभाव इस तरीके का है कि बच्चे सुसाइड कर रहे हैं। मां-बाप का प्रैशर नहीं, कोचिंग संस्थानों का प्रेशर है। मैं मानता हूं कि डॉक्टर की पढ़ाई के लिए अच्छी शिक्षा होनी चाहिए। इतना तो न हो कि स्टूडैंट सुसाइड कर ले। इस बारे में सरकारों को सोचना चाहिए। क्यों ऐसी स्थिति पैदा हो रही है? ऐसा क्यों बना रखा है कि बच्चे सुसाइड कर रहे हैं? बेटे ने कभी नहीं बताया कि वह परेशान है। वह तनाव को अपने तक रखता था। मैंने पूछा भी सही, लेकिन उसने नहीं बताया। अगर मुझे पता होता कि वह सुसाइड कर लेगा तो उससे पहले ही मैं उसे यहां से ले जाता।

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