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कट्‌टरपंथियों के आगे झुकी Punjab Police, बंदूकें और तलवार लेकर थाने में घुसे ‘वारिस पंजाब दे’ के जत्थेदार अमृतपाल के साथ सैकड़ों लोग;  पुलिस का तूफान को छोड़ने का ऐलान

  • सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर एक युवक को किडनैप करके पीटने के आरोप में अमृतपाल और साथी लवप्रीत समेत 30 के खिलाफ अजनाला थाने में दर्ज है केस

  • लवप्रीत को गिरफ्तार करने से भड़का अमतपाल, उग्र प्रदर्शन में 6 पुलिस कर्मचारी भी हुए घायल

  • अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जसकरण सिंह और अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंदर सिंह ने कहा-सबूतों के मुताबिक मारपीट वाली जगह पर नहीं था तूफान

अमृतसर. पंजाब के अमृतसर में गुरुवार को देश के टुकड़े करने का सपना देखने वाले खालिस्तान के समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने बंदूकों और तलवारों के साथ अजनाला थाने पर हमला कर दिया। इनके दबाव के आगे पुलिस प्रशासन झुक गया और कट्‌टरपंथी संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को छोड़ देने का ऐलान कर दिया गया। हालांकि इसके बावजूद अमृतपाल सिंह ने कहा है कि जब तक पुलिस लिखित बयान नहीं देती, वो लोग पीछे नहीं हटेंगे। केस रद्द होने तक अजनाला में ही डटे रहेंगे। अब इस पूरे मामले में न सिर्फ अमृतसर पुलिस की, बल्कि पंजाब सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। दूसरी ओर अब इस मामले पर राजनैतिक टीका-टिप्पणी का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

यह है पूरा मामला

दरअसल, बीते दिनों कट्‌टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के कुछ लोगों ने संगठन के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर 15 फरवरी की रात को रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के रहने वाले बरिंदर सिंह नामक एक युवक को किडनैप करने के बाद जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बुरी तरह पीटा था।

इस संबंध में अमृतसर के अजनाला थाने में अमृतपाल और उसके साथी लवप्रीत सिंह तूफान समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। इसी के चलते पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार किया तो अमृतपाल भड़क गया और उसने गुरुवार को अजनाला थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी। अमृतपाल ने गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी तीखे तेवर दिखाते हुए उनका हश्र इंदिरा गांधी की तरह करने वाली बात कही थी, लेकिन बुधवार को उसने इस पर यू-टर्न ले लिया और कहा कि अमित शाह उसे मरवाना चाहते हैं।

गुरुवार को पुलिस ने उग्र भीड़ को रोकने के लिए बैरीकेड लगाए थे, लेकिन हथियारबंद कट्‌टरपंथी उन्हें तोड़कर अंदर घुस गए। झूमा-झटकी में 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। हालांकि अमृतपाल सिंह ने पुलिस वालों के घायल होने की झूठी खबर फैलाए जाने की बात कही है। उसने भी अपने 10-12 लोगों को चोट आने की बात कही है और चेतावनी दी है कि 24 घंटे के भीतर तूफान को रिहा कर दिया जाए।

उग्र प्रदर्शन के बाद क्या कहा पुलिस के आला अफसरान ने?

उधर, अमृतपाल की चेतावनी के बाद अमृतसर के पुलिस कमिश्नर जसकरण सिंह का बयान आया। उन्होंने कहा-तूफान को छोड़ा जा रहा है। उसके समर्थकों ने उसकी बेगुनाही के पर्याप्त सबूत दिए हैं। मामले की जांच के लिए एसपी तेजबीर सिंह हुंदल की अगुवाई में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी गई है। इसी के साथ अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंदर सिंह ने कहा है कि अमृतपाल सिंह के साथ सहमति बन गई है। अमृतपाल और समर्थकों की तरफ से जो एविडैंस दिए गए हैं, उससे साफ होता है कि तूफान घटनास्थल पर था ही नहीं। उसे शुक्रवार को कोर्ट में एप्लीकेशन देकर रिहा कर दिया जाएगा।

 

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