उत्तर प्रदेशएमपी-सीजीताजा खबरेंशिक्षा-स्वास्थ्य

MSc फाइनल ईयर के स्टूडैंट ने ऑनलाइन मंगाकर पीया खतरनाक कैमिकल; काश! HOD ने बचा दिया होता वक्त

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में MSc कैमिस्ट्री फाइनल ईयर के स्टूडैंट ने खकरनाक कैमिकल पीकर आत्महत्या कर ली। मध्य प्रदेश के इस छात्र के आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाने की वजह हैड ऑफ द डिपार्टमैंट (HOD) के रवैये को बताया जा रहा है, जिसने बीमारी का हवाला देने के बावजूद अटैंडैंस शॉर्ट कर दी। काश! हैड ऑफ द डिपार्टमैंट (HOD) ने आशीष के छह महीने बचा दिए होते। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और हॉस्टल में सन्नाटा पसरा हुआ है।

मृतक छात्र की पहचान मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले आशीष कुमार नामदेव के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में MSc कैमिस्ट्री फाइनल ईयर में पढ़ रहा था। वह डालमिया हॉस्टल के कमरा नंबर 91 में रहता था। दोस्तों ने बताया कि आशीष कुमार ने ऑनलाइन पैस्टिसाइड ऑर्डर किया था। बुधवार दोपहर करीब पौने 2 बजे वह पी लिया। लंच टाइम में हॉस्टल में आए दूसरे विद्यार्थियों में से कोई जब आशीष के कमरे में पहुंचा तो वह बेहोश पड़ा मिला। उसका शरीर हरा पड़ता जा रहा था। आनन-फानन में उसे सर सुंदरलाल अस्पताल में ले जाया गया, जहां गुरुवार सुबह 11 बजे के करीब उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि जो पैस्टिसाइड आशीष ने कंज्यूम किया है, इसे पीते ही शरीर नीला पड़ जाता है। उसका कोई एंटीडॉट उनके पास नहीं है।

आत्महत्या की खबर मिलते ही लंका थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आशीष की लाश को मोर्चरी में भिजवाया, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने आशीष के परिजनों को सूचित किया तो उसका पिता यहां पहुंचा। BHU के चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह ने कहा कि परिजनों से बात करके और हिस्टोरिकल बैकग्राउंड चेक किया गया तो पता चला कि उसका डिप्रैशन का इलाज चल रहा था।ACP भेलूपुर प्रवीण सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में आशीष को डिप्रैशन की बीमारी की बात सामने आई है। उसका इलाज चल रहा था। 2017 में जब वह कोटा में डॉक्टरी की तैयारी कर रहा था तो उस दौरान भी उसने एक बार सुसाइड अटैंप्ट किया था।

दूसरी ओर दोस्तों की मानें तो आशीष कॅरियर को लेकर डिप्रैशन में था। कुछ दिन पहले कैँपस प्लेसमैंट में उसका सलैक्शन नहीं हो पाया, वहीं बीमारी की वजह से क्लास छूट जाती थी। उसकी हाजिरी कम पड़ गई। उसने कई बार विभागाध्यक्ष को अपनी समस्याएं बताई, लेकिन इसके बावजूद उसकी हाजिरी पूरी नहीं की गई। स्मैस्टर बैक लग जाने की वजह से वह खुद को संभाल नहीं सका और यह खौफनाक कदम उठा लिया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Buy Wordpress Hosting