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Golden Boy Neeraj Chopra: हरियाणा के लाल ने फिर बढ़ाई देश की शान; Diamond League में गोल्ड जीतकर बदला 13 साल का इतिहास

बर्न/पानीपत. भारतीय खेलों के ‘महाराणा प्रताप’ यानि नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने एक बार साबित कर दिया है कि नीरज नीरज ही हैं। हरियाणा की माटी के इस लाल ने जहां पिछले ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता था, वहीं अब डायमंड लीग (Diamond League) में भी स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर 13 साल का इतिहास बदल दिया है। चेक रिपब्लिक के जाकूब वैडलेक और जर्मनी के जूलियन वेबर को पीछे छोड़कर डायमंड लीग खिताब अपने नाम कर लिया। यह खिताब जीतने वाले नीरज चोपड़ा 13 साल में पहले भारतीय बन गए हैं।

भाला फैंकने के इवैंट के माहिर (Javelin Thrower) नीरज चोपड़ा 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के ऐतिहासिक शहर पानीपत के एक छोटे से गांव खांद्रा में रोड समुदाय के एक किसान परिवार में हुआ था। कभी इलाके में अकेले नीरज ही जैवलिन थ्रो के खिलाड़ी थे, लेकिन नीरज के टोक्यो ओलिंपिक गेम में गोल्ड मेडल जीतने के बाद इस गेम को नई पहचान मिली। अब उसी के गांव में ही 70 युवा जैवलिन थ्रो का अभ्यास कर रहे हैं।

24 वर्षीय नीरज टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे, लेकिन चोट के बाद उन्होंने दमदार वापसी की और ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल्स का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। 2010 में शुरू हुए इस लीग के 13वें एडिशन में नीरज ऐसा करने वाले पहले भारतीय एथलीट भी बने। इससे पहले भी नीरज चोपड़ा 2017 और 2018 में भी इस लीग के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गए थे, लेकिन वहां वह सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे। दो विफलताओं से उन्होंने सीखा और अब 2022 में वह इस लीग के चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने 88.44 मीटर की सर्वश्रेष्ठ दूरी पर भाला फेंककर ज्यूरिख में भारत के लिए इतिहास रच दिया। डायमंड लीग फाइनल्स में नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं थी और उनका पहला थ्रो फाउल हो गया था। इसके बाद दूसरे राउंड में उन्होंने 88.44 मीटर की दूसरी पर भाला फेंककर बढ़त बना ली। अंत तक यह ही उनका थ्रो बैस्ट रहा। इसके बाद तीसरे राउंड में भारतीय एथलीट ने 88.00 मीटर, चौथे में 86.11 मीटर, पांचवें में 87.00 मीटर और छठे में प्रयास में 83.60 मीटर की दूरी पर थ्रो किया।

ये है डायमंड लीग का महत्व

बता दें कि डायमंड लीग को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के बाद ट्रैक एंड फील्ड की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता माना जाता है। इस लीग के चैंपियन नीरज चोपड़ा को डायमंड ट्रॉफी, 30 हजार अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं उन्हें 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए भी वाइल्ड कार्ड एंट्री मिल गई है।

8 सितंबर की और भी कई खास बातें…

उधर, एक बात और याद रखने वाली है कि स्विटजरलैंड के ज्यूरिख में नीरज की उपलब्धि उसी 8 सितंबर को जुड़ी है, जिसका भारतीय इतिहास में खासा योगदान है। इस दिन क्रिकेटर विराट कोहली ने अपने कॅरियर का पहला टी-20 शतक लगाया था। इसी दिन भुवनेश्वर कुमार ने अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 में 5 विकेट हॉल लेकर पहले गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

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